भजन संहिता 95
1 आओ हम यहोवा के लिये ऊँचे स्वर से गाएँ,
2 हम धन्यवाद करते हुए उसके सम्मुख आएँ,
3 क्योंकि यहोवा महान परमेश्वर है,
4 पृथ्वी के गहरे स्थान उसी के हाथ में हैं;
5 समुद्र उसका है, और उसी ने उसको बनाया,
6 आओ हम झुककर दण्डवत् करें,
7 क्योंकि वही हमारा परमेश्वर है,
8 अपना-अपना हृदय ऐसा कठोर मत करो, जैसा मरीबा में,
9 जब तुम्हारे पुरखाओं ने मुझे परखा,
10 चालीस वर्ष तक मैं उस पीढ़ी के लोगों से रूठा रहा,
11 इस कारण मैंने क्रोध में आकर शपथ खाई कि
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