भजन संहिता 95

1 आओ हम यहोवा के लिये ऊँचे स्वर से गाएँ,

2 हम धन्यवाद करते हुए उसके सम्मुख आएँ,

3 क्योंकि यहोवा महान परमेश्‍वर है,

4 पृथ्वी के गहरे स्थान उसी के हाथ में हैं;

5 समुद्र उसका है, और उसी ने उसको बनाया,

6 आओ हम झुककर दण्डवत् करें,

7 क्योंकि वही हमारा परमेश्‍वर है,

8 अपना-अपना हृदय ऐसा कठोर मत करो, जैसा मरीबा में,

9 जब तुम्हारे पुरखाओं ने मुझे परखा,

10 चालीस वर्ष तक मैं उस पीढ़ी के लोगों से रूठा रहा,

11 इस कारण मैंने क्रोध में आकर शपथ खाई कि

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यहोवा के लिये एक नया गीत गाओ,

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attribution Bridge Connectivity Solutions Pvt. Ltd., 2019 (ब्रिज कनेक्टिविटी सॉल्यूशंस प्रा. लि., 2019)
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