भजन संहिता 76
1 परमेश्वर यहूदा में जाना गया है,
2 और उसका मण्डप शालेम में,
3 वहाँ उसने तीरों को,
4 हे परमेश्वर, तू तो ज्योतिर्मय है:
5 दृढ़ मनवाले लुट गए, और भरी नींद में पड़े हैं;
6 हे याकूब के परमेश्वर, तेरी घुड़की से,
7 केवल तू ही भययोग्य है;
8 तूने स्वर्ग से निर्णय सुनाया है;
9 जब परमेश्वर न्याय करने को,
10 निश्चय मनुष्य की जलजलाहट तेरी स्तुति का कारण हो जाएगी,
11 अपने परमेश्वर यहोवा की मन्नत मानो, और पूरी भी करो;
12 वह तो प्रधानों का अभिमान मिटा देगा;
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