भजन संहिता 63

1 हे परमेश्‍वर, तू मेरा परमेश्‍वर है,

2 इस प्रकार से मैंने पवित्रस्‍थान में तुझ पर दृष्टि की,

3 क्योंकि तेरी करुणा जीवन से भी उत्तम है,

4 इसी प्रकार मैं जीवन भर तुझे धन्य कहता रहूँगा;

5 मेरा जीव मानो चर्बी और चिकने भोजन से तृप्त होगा,

6 जब मैं बिछौने पर पड़ा तेरा स्मरण करूँगा,

7 क्योंकि तू मेरा सहायक बना है,

8 मेरा मन तेरे पीछे-पीछे लगा चलता है;

9 परन्तु जो मेरे प्राण के खोजी हैं,

10 वे तलवार से मारे जाएँगे,

11 परन्तु राजा परमेश्‍वर के कारण आनन्दित होगा;

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हे परमेश्‍वर, जब मैं तेरी दुहाई दूँ, तब ...

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