भजन संहिता 62

1 सचमुच मैं चुपचाप होकर परमेश्‍वर की ओर मन लगाए हूँ

2 सचमुच वही, मेरी चट्टान और मेरा उद्धार है,

3 तुम कब तक एक पुरुष पर धावा करते रहोगे,

4 सचमुच वे उसको, उसके ऊँचे पद से गिराने की सम्मति करते हैं;

5 हे मेरे मन, परमेश्‍वर के सामने चुपचाप रह,

6 सचमुच वही मेरी चट्टान, और मेरा उद्धार है,

7 मेरे उद्धार और मेरी महिमा का आधार परमेश्‍वर है;

8 हे लोगों, हर समय उस पर भरोसा रखो;

9 सचमुच नीच लोग तो अस्थाई, और बड़े लोग मिथ्या ही हैं;

10 अत्याचार करने पर भरोसा मत रखो,

11 परमेश्‍वर ने एक बार कहा है;

12 और हे प्रभु, करुणा भी तेरी है।

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हे परमेश्‍वर, तू मेरा परमेश्‍वर है,

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attribution Bridge Connectivity Solutions Pvt. Ltd., 2019 (ब्रिज कनेक्टिविटी सॉल्यूशंस प्रा. लि., 2019)
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