भजन संहिता 61

1 हे परमेश्‍वर, मेरा चिल्लाना सुन,

2 मूर्छा खाते समय मैं पृथ्वी की छोर से भी तुझे पुकारूँगा,

3 क्योंकि तू मेरा शरणस्थान है,

4 मैं तेरे तम्बू में युगानुयुग बना रहूँगा।

5 क्योंकि हे परमेश्‍वर, तूने मेरी मन्नतें सुनीं,

6 तू राजा की आयु को बहुत बढ़ाएगा;

7 वह परमेश्‍वर के सम्मुख सदा बना रहेगा;

8 इस प्रकार मैं सर्वदा तेरे नाम का भजन गा-गाकर

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सचमुच मैं चुपचाप होकर परमेश्‍वर की ओर मन...

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