भजन संहिता 53

1 मूर्ख ने अपने मन में कहा, “कोई परमेश्‍वर है ही नहीं।”

2 परमेश्‍वर ने स्वर्ग पर से मनुष्यों के ऊपर दृष्टि की

3 वे सब के सब हट गए; सब एक साथ बिगड़ गए;

4 क्या उन सब अनर्थकारियों को कुछ भी ज्ञान नहीं,

5 वहाँ उन पर भय छा गया जहाँ भय का कोई कारण न था।

6 भला होता कि इस्राएल का पूरा उद्धार सिय्योन से निकलता!

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हे परमेश्‍वर अपने नाम के द्वारा मेरा उद्...

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