भजन संहिता 50
1 सर्वशक्तिमान परमेश्वर यहोवा ने कहा है,
2 सिय्योन से, जो परम सुन्दर है,
3 हमारा परमेश्वर आएगा और चुपचाप न रहेगा,
4 वह अपनी प्रजा का न्याय करने के लिये
5 “मेरे भक्तों को मेरे पास इकट्ठा करो,
6 और स्वर्ग उसके धर्मी होने का प्रचार करेगा
7 “हे मेरी प्रजा, सुन, मैं बोलता हूँ,
8 मैं तुझ पर तेरे बलियों के विषय दोष नहीं लगाता,
9 मैं न तो तेरे घर से बैल
10 क्योंकि वन के सारे जीव-जन्तु
11 पहाड़ों के सब पक्षियों को मैं जानता हूँ,
12 “यदि मैं भूखा होता तो तुझ से न कहता;
13 क्या मैं बैल का माँस खाऊँ,
14 परमेश्वर को धन्यवाद ही का बलिदान चढ़ा,
15 और संकट के दिन मुझे पुकार;
16 परन्तु दुष्ट से परमेश्वर कहता है:
17 तू तो शिक्षा से बैर करता,
18 जब तूने चोर को देखा, तब उसकी संगति से प्रसन्न हुआ;
19 “तूने अपना मुँह बुराई करने के लिये खोला,
20 तू बैठा हुआ अपने भाई के विरुद्ध बोलता;
21 यह काम तूने किया, और मैं चुप रहा;
22 “हे परमेश्वर को भूलनेवालो यह बात भली भाँति समझ लो,
23 धन्यवाद के बलिदान का चढ़ानेवाला मेरी महिमा करता है;
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