भजन संहिता 5

1 हे यहोवा, मेरे वचनों पर कान लगा;

2 हे मेरे राजा, हे मेरे परमेश्‍वर, मेरी दुहाई पर ध्यान दे,

3 हे यहोवा, भोर को मेरी वाणी तुझे सुनाई देगी,

4 क्योंकि तू ऐसा परमेश्‍वर है, जो दुष्टता से प्रसन्‍न नहीं होता;

5 घमण्डी तेरे सम्मुख खड़े होने न पाएँगे;

6 तू उनको जो झूठ बोलते हैं नाश करेगा;

7 परन्तु मैं तो तेरी अपार करुणा के कारण तेरे भवन में आऊँगा,

8 हे यहोवा, मेरे शत्रुओं के कारण अपने धर्म के मार्ग में मेरी अगुआई कर;

9 क्योंकि उनके मुँह में कोई सच्चाई नहीं;

10 हे परमेश्‍वर तू उनको दोषी ठहरा;

11 परन्तु जितने तुझ में शरण लेते हैं वे सब आनन्द करें,

12 क्योंकि तू धर्मी को आशीष देगा; हे यहोवा,

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हे यहोवा, तू मुझे अपने क्रोध में न डाँट,

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attribution Bridge Connectivity Solutions Pvt. Ltd., 2019 (ब्रिज कनेक्टिविटी सॉल्यूशंस प्रा. लि., 2019)
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