भजन संहिता 30
1 हे यहोवा, मैं तुझे सराहूँगा क्योंकि तूने
2 हे मेरे परमेश्वर यहोवा,
3 हे यहोवा, तूने मेरा प्राण अधोलोक में से निकाला है,
4 तुम जो विश्वासयोग्य हो!
5 क्योंकि उसका क्रोध, तो क्षण भर का होता है,
6 मैंने तो अपने चैन के समय कहा था,
7 हे यहोवा, अपनी प्रसन्नता से तूने मेरे पहाड़ को दृढ़
8 हे यहोवा, मैंने तुझी को पुकारा;
9 जब मैं कब्र में चला जाऊँगा तब मेरी मृत्यु से
10 हे यहोवा, सुन, मुझ पर दया कर;
11 तूने मेरे लिये विलाप को नृत्य में बदल डाला;
12 ताकि मेरा मन तेरा भजन गाता रहे
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