भजन संहिता 27
1 यहोवा मेरी ज्योति और मेरा उद्धार है;
2 जब कुकर्मियों ने जो मुझे सताते और मुझी से
3 चाहे सेना भी मेरे विरुद्ध छावनी डाले,
4 एक वर मैंने यहोवा से माँगा है,
5 क्योंकि वह तो मुझे विपत्ति के दिन में अपने
6 अब मेरा सिर मेरे चारों ओर के शत्रुओं से ऊँचा होगा;
7 हे यहोवा, मेरा शब्द सुन, मैं पुकारता हूँ,
8 तूने कहा है, “मेरे दर्शन के खोजी हो।”
9 अपना मुख मुझसे न छिपा।
10 मेरे माता-पिता ने तो मुझे छोड़ दिया है,
11 हे यहोवा, अपना मार्ग मुझे सिखा,
12 मुझ को मेरे सतानेवालों की इच्छा पर न छोड़,
13 यदि मुझे विश्वास न होता कि जीवितों की
14 यहोवा की बाट जोहता रह;
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