भजन संहिता 24

1 पृथ्वी और जो कुछ उसमें है यहोवा ही का है;

2 क्योंकि उसी ने उसकी नींव समुद्रों के ऊपर दृढ़ करके रखी,

3 यहोवा के पर्वत पर कौन चढ़ सकता है?

4 जिसके काम निर्दोष और हृदय शुद्ध है,

5 वह यहोवा की ओर से आशीष पाएगा,

6 ऐसे ही लोग उसके खोजी है,

7 हे फाटकों, अपने सिर ऊँचे करो!

8 वह प्रतापी राजा कौन है?

9 हे फाटकों, अपने सिर ऊँचे करो

10 वह प्रतापी राजा कौन है?

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हे यहोवा, मैं अपने मन को तेरी ओर

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