भजन संहिता 2

1 जाति-जाति के लोग क्यों हुल्लड़ मचाते हैं,

2 यहोवा के और उसके अभिषिक्त के विरुद्ध पृथ्वी के राजागण मिलकर,

3 “आओ, हम उनके बन्धन तोड़ डालें,

4 वह जो स्वर्ग में विराजमान है, हँसेगा,

5 तब वह उनसे क्रोध में बातें करेगा,

6 “मैंने तो अपने चुने हुए राजा को,

7 मैं उस वचन का प्रचार करूँगा:

8 मुझसे माँग, और मैं जाति-जाति के लोगों को तेरी सम्पत्ति होने के लिये,

9 तू उन्हें लोहे के डण्डे से टुकड़े-टुकड़े करेगा।

10 इसलिए अब, हे राजाओं, बुद्धिमान बनो;

11 डरते हुए यहोवा की उपासना करो,

12 पुत्र को चूमो ऐसा न हो कि वह क्रोध करे,

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हे यहोवा मेरे सतानेवाले कितने बढ़ गए हैं...

copyright IRV CC BY-SA 4.0
attribution Bridge Connectivity Solutions Pvt. Ltd., 2019 (ब्रिज कनेक्टिविटी सॉल्यूशंस प्रा. लि., 2019)
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