भजन संहिता 141
1 हे यहोवा, मैंने तुझे पुकारा है; मेरे लिये फुर्ती कर!
2 मेरी प्रार्थना तेरे सामने सुगन्ध धूप,
3 हे यहोवा, मेरे मुँह पर पहरा बैठा,
4 मेरा मन किसी बुरी बात की ओर फिरने न दे;
5 धर्मी मुझ को मारे तो यह करुणा मानी जाएगी,
6 जब उनके न्यायी चट्टान के ऊपर से गिराए गए,
7 जैसे भूमि में हल चलने से ढेले फूटते हैं,
8 परन्तु हे यहोवा प्रभु, मेरी आँखें तेरी ही ओर लगी हैं;
9 मुझे उस फंदे से, जो उन्होंने मेरे लिये लगाया है,
10 दुष्ट लोग अपने जालों में आप ही फँसें,
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