भजन संहिता 112

1 यहोवा की स्तुति करो!

2 उसका वंश पृथ्वी पर पराक्रमी होगा;

3 उसके घर में धन सम्पत्ति रहती है;

4 सीधे लोगों के लिये अंधकार के बीच में ज्योति उदय होती है;

5 जो व्यक्ति अनुग्रह करता और उधार देता है,

6 वह तो सदा तक अटल रहेगा;

7 वह बुरे समाचार से नहीं डरता;

8 उसका हृदय सम्भला हुआ है, इसलिए वह न डरेगा,

9 उसने उदारता से दरिद्रों को दान दिया,

10 दुष्ट इसे देखकर कुढ़ेगा;

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यहोवा की स्तुति करो!

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attribution Bridge Connectivity Solutions Pvt. Ltd., 2019 (ब्रिज कनेक्टिविटी सॉल्यूशंस प्रा. लि., 2019)
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