भजन संहिता 101
1 मैं करुणा और न्याय के विषय गाऊँगा;
2 मैं बुद्धिमानी से खरे मार्ग में चलूँगा।
3 मैं किसी ओछे काम पर चित्त न लगाऊँगा।
4 टेढ़ा स्वभाव मुझसे दूर रहेगा;
5 जो छिपकर अपने पड़ोसी की चुगली खाए,
6 मेरी आँखें देश के विश्वासयोग्य लोगों पर लगी रहेंगी कि वे मेरे संग रहें;
7 जो छल करता है वह मेरे घर के भीतर न रहने पाएगा;
8 प्रति भोर, मैं देश के सब दुष्टों का सत्यानाश किया करूँगा,
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