गलातियों 1

1 पौलुस की, जो न मनुष्यों की ओर से, और न मनुष्य के द्वारा, वरन् यीशु मसीह और परमेश्‍वर पिता के द्वारा, जिस ने उसको मरे हुओं में से जिलाया, प्रेरित है।

2 और सारे भाइयों की ओर से, जो मेरे साथ हैं; गलातिया की कलीसियाओं के नाम।

3 परमेश्‍वर पिता, और हमारे प्रभु यीशु मसीह की ओर से तुम्हें अनुग्रह और शान्ति मिलती रहे।

4 उसी ने अपने आप को हमारे पापों के लिये दे दिया, ताकि हमारे परमेश्‍वर और पिता की इच्छा के अनुसार हमें इस वर्तमान बुरे संसार से छुड़ाए।

5 उसकी महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन।

6 मुझे आश्चर्य होता है, कि जिस ने तुम्हें मसीह के अनुग्रह से बुलाया उससे तुम इतनी जल्दी फिरकर और ही प्रकार के सुसमाचार की ओर झुकने लगे।

7 परन्तु वह दूसरा सुसमाचार है ही नहीं पर बात यह है, कि कितने ऐसे हैं, जो तुम्हें घबरा देते, और मसीह के सुसमाचार को बिगाड़ना चाहते हैं।

8 परन्तु यदि हम या स्वर्ग से कोई दूत भी उस सुसमाचार को छोड़ जो हमने तुम को सुनाया है, कोई और सुसमाचार तुम्हें सुनाए, तो श्रापित हो।

9 जैसा हम पहले कह चुके हैं, वैसा ही मैं अब फिर कहता हूँ, कि उस सुसमाचार को छोड़ जिसे तुम ने ग्रहण किया है, यदि कोई और सुसमाचार सुनाता है, तो श्रापित हो।

10 अब मैं क्या मनुष्यों को मानता हूँ या परमेश्‍वर को? क्या मैं मनुष्यों को प्रसन्‍न करना चाहता हूँ? यदि मैं अब तक मनुष्यों को ही प्रसन्‍न करता रहता, तो मसीह का दास न होता।

11 हे भाइयों, मैं तुम्हें जताए देता हूँ, कि जो सुसमाचार मैंने सुनाया है, वह मनुष्य का नहीं।

12 क्योंकि वह मुझे मनुष्य की ओर से नहीं पहुँचा, और न मुझे सिखाया गया, पर यीशु मसीह के प्रकाशन से मिला।

13 यहूदी मत में जो पहले मेरा चाल-चलन था, तुम सुन चुके हो; कि मैं परमेश्‍वर की कलीसिया को बहुत ही सताता और नाश करता था।

14 और मैं यहूदी धर्म में अपने साथी यहूदियों से अधिक आगे बढ़ रहा था और अपने पूर्वजों की परम्पराओं में बहुत ही उत्तेजित था।

15 परन्तु परमेश्‍वर की जब इच्छा हुई, उसने मेरी माता के गर्भ ही से मुझे ठहराया और अपने अनुग्रह से बुला लिया,

16 कि मुझ में अपने पुत्र को प्रगट करे कि मैं अन्यजातियों में उसका सुसमाचार सुनाऊँ; तो न मैंने माँस और लहू से सलाह ली;

17 और न यरूशलेम को उनके पास गया जो मुझसे पहले प्रेरित थे, पर तुरन्त अरब को चला गया और फिर वहाँ से दमिश्क को लौट आया।

18 फिर तीन वर्षों के बाद मैं कैफा से भेंट करने के लिये यरूशलेम को गया, और उसके पास पन्द्रह दिन तक रहा।

19 परन्तु प्रभु के भाई याकूब को छोड़ और प्रेरितों में से किसी से न मिला।

20 जो बातें मैं तुम्हें लिखता हूँ, परमेश्‍वर को उपस्थित जानकर कहता हूँ, कि वे झूठी नहीं।

21 इसके बाद मैं सीरिया और किलिकिया के देशों में आया।

22 परन्तु यहूदिया की कलीसियाओं ने जो मसीह में थी, मेरा मुँह तो कभी नहीं देखा था।

23 परन्तु यही सुना करती थीं, कि जो हमें पहले सताता था, वह अब उसी विश्वास का सुसमाचार सुनाता है, जिसे पहले नाश करता था।

24 और मेरे विषय में परमेश्‍वर की महिमा करती थीं।

पढ़ना जारी रखें गलातियों 2...

चौदह वर्ष के बाद मैं बरनबास के साथ यरूश...

copyright IRV CC BY-SA 4.0
attribution Bridge Connectivity Solutions Pvt. Ltd., 2019 (ब्रिज कनेक्टिविटी सॉल्यूशंस प्रा. लि., 2019)
flag समस्या बताएं
क्लिपबोर्ड पर कॉपी किया गया।